हैल्लो दोस्तों.. में राज मल्होत्रा आप सभी के सामने अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को यह जरूर पसंद आएगी.. दोस्तों यह आज की कहानी मेरे बचपन के लालच से शुरू होती है जो जाकर मेरी जवानी की आग पर खत्म होती है। इस कहानी की शुरुआत मेरे बचपन से होती है.. उस वक़्त में 18 साल का था और मेरी गर्मियों की छुट्टियों पर में अपनी बुआ के घर गया था। मेरी बुआ के चार बच्चे है और उनमे से एक लड़का बाहर ही रहता है उनका वो लड़का शादीशुदा है और चंडीगढ़ में नौकरी करता है। एक लड़के की अभी शादी नहीं हुई है.. लेकिन वो अभी एक प्राईवेट नौकरी कर रहा है और मेरी बुआ की एक बड़ी लड़की पढ़ाई कर रही है और छोटी लड़की जिसका नाम सिम्मी है वो मुझसे उम्र में 10 साल बड़ी है।
उस वक़्त जब में गर्मियों की छुट्टियों पर उनके घर गया था.. तब मेरी उम्र 18 साल की थी.. जबकि मेरी कज़िन बहन सिम्मी 23 साल की थी और फाईनल साल में पढ़ रही थी.. उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था। वो बहुत स्लिम थी.. लेकिन उसकी छाती बिल्कुल गोल गोल, बहुत बड़ी, टाईट और तनी हुई थी। वो बहुत गोरी और सुंदर थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरे साथ हमेशा लूडो और केरम खेलती थी। मुझे कोल्ड ड्रिंक और बर्फ का गोला बहुत पसंद था और वो मुझे हमेशा अपनी कार में लेकर बर्फ गोला खिलाने ले जाती थी.. बर्फ गोले के ऊपर गोले वाला खोया और मलाई डाल कर देता था जो कि मुझे बहुत ही स्वादिष्ट लगती थी और वो मुझे हमेशा खुश रखने की कोशिश किया करती थी और मेरी कोई भी बात नहीं टालती थी।
मैंने कई बार उनकी गोल गोल, गोरी और टाईट चूचियाँ देखी थी क्योंकि वो कई बार घर पर गाऊन और टी-शर्ट पहनती थी और जब भी झुकती थी तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन हो जाते थे। मुझे उसकी छाती देखना बहुत अच्छा लगता था.. लेकिन कभी सेक्स का अहसास दिल में नहीं आया और वो मुझे छोटा समझकर मेरे सामने बिल्कुल फ्री रहती थी। वो जब घर पर अकेली होती थी.. तो उनकी हरकत पूरी चेंज हो जाती थी और वो ज्यादातर समय टीवी चालू करके मुझे अपने पास बैठा लेती थी और मुझसे चिपककर बैठ जाती थी। कभी कभी वो मुझे अपनी गोद में बैठा लेती थी और अपनी दोनों बाहों से कसकर अपने सीने से लगा लेती थी.. जिसे में एक कज़िन बहन का प्यार ही समझता था और इससे मुझे अपनापन लगता और सेक्स का अहसास नहीं आता था। लेकिन जब कभी वो मुझे सीधे से अपने गले से लगाती थी तो मेरा चेहरा उनकी दोनों चूचियों के बीच में आ जाता था और उनके जिस्म की मादक खुश्बू और उनकी चूचियों की गर्मी और कोमल स्पर्श से मेरे अंदर अजीब सी गुदगुदी होती थी और वो मुझे जब तक अलग नहीं करती.. में उनसे चिपका ही रहता था।
कई बार जब में सो कर उठता था तो मुझे ऐसा लगता था कि जैसे किसी ने मेरे जिस्म के कोमल अंग यानी कि मेरे लंड मतलब कि मेरी लुल्ली के साथ कुछ किया है.. लेकिन कभी मुझे समझ में नहीं आया। उस टाईम पर मेरा सेक्सी भाग बिल्कुल साफ था.. क्योंकि अभी वहाँ पर बाल निकलने शुरू नहीं हुए थे। एक दिन मेरी बुआ, अंकल और उनकी बड़ी लड़की एक शादी में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ गये हुए थे और घर पर मेरे बड़े भैय्या, सिम्मी दीदी और में था। उस टाईम लोग वीडियो घर पर किराए से लाते थे और 2-3 फिल्म एक साथ देखते थे। तो एक दिन हमने भी घर पर सोमवार के दिन वीडियो मंगवाया और फिर हमने सारी रात नमकीन, मिठाई खाते रहे और चाय की चुस्कियों के साथ फिल्म देखी.. लेकिन भैया एक फिल्म देखकर सो गये क्योंकि उन्हे सुबह जल्दी अपनी फेक्ट्री जाना था और जब कि हमने तीनों फिल्म बड़े आराम से देखी। सिम्मी दीदी ने मेरा सर अपनी गोद में रखा हुआ था और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी और सुबह सिम्मी दीदी ने भैया को नाश्ता बनाकर दिया और हमने भी टूथब्रश करके नाश्ता कर लिया और भैया के फेक्ट्री जाने के बाद दीदी ने मेन दरवाजा और घर का दरवाजा लॉक किया और कूलर चालू कर दिया। फिर हम दोनों साथ में ही सो गये।
हम सब घर वालों के सामने भी साथ में ही सोते थे। तभी थोड़ी देर के बाद दीदी ने मुझे अपनी ओढनी में अंदर ले लिया और अपनी बाहों में भींचकर अपने गाऊन के ऊपर से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और में भी उनके ऊपर हाथ रखकर बिल्कुल चिपक कर सो गया। मुझमे उस वक़्त तक कभी सेक्स का अहसास नहीं आता था.. लेकिन मुझे उनके साथ चिपककर सोना बहुत अच्छा लगता था। तभी लगभग 3-4 घंटो के बाद मुझे अपने प्रमुख भाग यानी कि अपनी लुल्ली में कुछ गुदगुदी महसूस हुई और नींद में ही मैंने अपना हाथ नीचे रखा.. लेकिन मुझे कुछ भी पता नहीं चला और फिर में सो गया। तभी मुझे कुछ देर बाद पेशाब जाने का अहसास हो रहा था.. लेकिन बिल्कुल फंसा होने की वजह से में टॉयलेट नहीं जा रहा था और इसी वक़्त फिर से मुझे अपनी लुल्ली में गुदगुदी होने लगी और पेशाब का अहसास भी बहुत ज़ोर से हो गया था और मुझे लगा कि पेशाब बेड पर ही ना निकल जाए.. जिसकी वजह से में डरकर झटके से उठ गया।
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